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इंसानियत के खिलाफ इंसान की लड़ाई है अवतार-2

“भरत कीन्ह यह उचित उपाऊ। रिपु रिन रंच न राखब काउ।।” अर्थात ‘भरत ने यह उचित ही उपाय किया। शत्रु और ऋण को जरा भी शेष नहीं रखना चाहिए। नहीं तो वह बढ़ता ही जाता है।’ लक्ष्मण को यह संदेह तब हुआ था जब भरत अपनी चतुरंगिणी सेना को लेकर राम से मिलने, उन्हें वापस …

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“शिक्षा का बाजार: आउटलुक के बहाने”- रमेश ठाकुर

‘आउटलुक’ ने देश के नामचीन शिक्षकों को अपनी पत्रिका का चेहरा बनाया है। देखकर अच्छा लगा। यह बहुत अच्छी बात है। अच्छा शिक्षक होना और भी अच्छी बात है। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि किसी पत्रिका ने शिक्षकों को अपनी पत्रिका का चेहरा बनाया हो।पत्रिका ने जिन शिक्षकों को अपना चेहरा बनाया है, …

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“लाल सिंह चड्डा: सेलेक्टिव राष्ट्रवादी फिल्म बनकर रह गई है।”

‘लाल सिंह चड्डा’ स्पीनी कार की तरह है, जिसे आप न तो नई कार कह सकते हैं और न ही पुरानी कार। यानी इस फिल्म को न तो ‘फॉरेस्ट गम्प’ की नकल कहा जा सकता है और न ही इसका प्लॉट ‘फॉरेस्ट गम्प’ से ज्यादा अलग है। यह बिलकुल वैसा ही है कि बाप-दादा ने बड़ी मेहनत से घर की नींव …

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पेरियार ललई सिंह ग्रंथावली का विमोचन

पेरियार ललई सिंह के साहित्य और चिंतन को संगृहीत कर धर्मवीर यादव गगन ने उसका संकलन संपादित किया है, जो राजकमल प्रकाशन समूह, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुआ है। इसका विमोचन 16 अक्टूबर, 2022 को कानपुर, उ.प्र. में हुआ। अध्यक्षता जय प्रकाश कर्दम ने की। मुख्य अतिथि उर्मिलेश थे। वक्ता- वीरेंद्र यादव, दिलीप मंडल, हितेंद्र …

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‘दुःख’ (अंतोन चेखव की चर्चित कहानी)

अनुवादक: सुशांत सुप्रिय ‘मैं अपना दुखड़ा किसे सुनाऊँ?’शाम के धुँधलके का समय है। सड़क के खंभों की रोशनी के चारों ओर बर्फ की एक गीली और मोटी परत धीरे-धीरे फैलती जा रही है। बर्फबारी के कारण कोचवान योना पोतापोव किसी सफेद प्रेत-सा दिखने लगा है। आदमी की देह जितनी भी मुड़ कर एक हो सकती …

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मीराबाई के बारे में आलोचकों के मत

·  मीरा ने लिखा है-लोक लाज कुल कानि जगत की, दइ बहाय जस पानी.अपने घर का पर्दा कर ले, मैं अबला बौरानी..·       . मैनेजर पाण्डेय लिखते हैं- “प्रेम ही मीरा के सामाजिक संघर्ष का साधन है और साध्य भी.”·     कबीर ने कहा था कि ‘प्रेम का घर खाला का घर नहीं है’. लेकिन मीरा की प्रेम साधना कबीर के प्रेम …

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