धार्मिक साहित्य (सिद्ध, नाथ और जैन साहित्य)

  1. गोरखनाथ माल जाल चराता है.
  2. भीमनाथ को सत्य हरिश्चंद्र पर नाज है.
  3. शपशिप्रन ने आत्मबोध के लिए पंद्रह सप्ताह तक अभय यात्रा की तब जाकर रोमावली ने उसे ज्ञान की पाँच मात्रा सिखाई.
  4. गौ की रक्षा के लिए योग चिंतामणि ने विराट योग्सिद्धंत बनाया.
  5. निरंजन के पास शक्ति है, विवेक है और वह सिद्धांतवादी भी है.

नाथ साहित्य से रिलेटेड सभी कोडिंग. इसी के अनुसार याद करें.