DS Classes मुख्य रूप से हिंदी विषय के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को NET और JRF की तैयारी कराने में सहायता प्रदान करता है.
DS CLASSES किसी भी विद्यार्थी के साथ धर्म, जाति अथवा लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करता और सबको शिक्षा का समान अवसर प्रदान करता है.
अब तक जितने भी विद्यार्थी DS CLASSES से जुड़े हैं, उनमें से लगभग 99 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है.
हमारा लक्ष्य: Our Vision
- शिक्षा को जनसामान्य और जनसाधारण तक पहुँचाना.
- आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की शैक्षणिक मदद करना.
- विद्यार्थियों में शैक्षणिक कौशलों का विकास करना.
- विद्यार्थियों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाना.
- विद्यार्थियों में संवेदनात्मक प्रवृत्तियों का संचार करना.
- विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, संयमी और सहनशील बनाना.
- विद्यार्थियों में देश के प्रति सम्मान की भावना का प्रसार करना.
- विद्यार्थियों में भेदभाव के स्थान पर मानवीय सद्भाव व प्रेम को बढ़ावा देना.
- अपने लक्ष्य के प्रति तटस्थ और अडिग रहना.
- सफलता प्राप्त करने तक प्रयत्नशील रहना आदि.
क्या है DS CLASSES?
DS CLASSES एक ऐसा शैक्षणिक संस्थान है जो विद्यार्थियों को बहुत सस्ता शिक्षा प्रदान करता है. क्योंकि DS CLASSES का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है,बल्कि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को शैक्षणिक लाभ पहुँचाना है. यह मुख्य रूप से हिंदी विषय के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को NET और JRF की तैयारी कराने में सहायता प्रदान करता है. अब तक जितने भी विद्यार्थी DS CLASSES से जुड़े हैं, उनमें से लगभग 99 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है. DS CLASSES के कई विद्यार्थी अभी देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोधरत हैं. सबके लिए शिक्षा उपलब्ध हो, द्वार-द्वार तक शिक्षा पहुँचे और सभी वर्ग, समुदाय के विद्यार्थी इसका लाभ उठा सके, यही DS CLASSES का मुख्य उद्देश्य है.
पाठ्यक्रम: Our Courses
सफलता की और एक पल
शिक्षण प्रविधि: Teaching Methodology
- मूल Text पर जोर देना. (फोकस करना)
- Text को समसामयिक चीजों से कनेक्ट करना. (रेलीवेंट चीजों से कनेक्ट करना)
- निरन्तर अभ्यास कराना.
- प्रत्येक हफ्ते Test का आयोजन करना.
- मूल Text के साथ-साथ मानव मूल्यों की भी शिक्षा देना.
- आवश्यक सभी शिक्षण विधियों का प्रयोग करना.
- शिक्षण को प्रभावित करने वाले कारणों की खोज और उसका निदान करना.
- बौद्धिक, तार्किक और तुलनात्मक समझ को विकसित करना.
- विद्यार्थियों में आत्मविश्वास को बढ़ाना और परिस्थितियों से लड़ने की सीख देना.
- निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना आदि.